भारतीय सिविल सेवा के जनक कौन थे?

by Wholesomestory Johnson 33 views

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Correct Answer

भारत में भारतीय सिविल सेवा के जनक लॉर्ड कॉर्नवालिस हैं।

Detailed Explanation

आइए, इस सवाल को विस्तार से समझते हैं। यह सवाल भारतीय सिविल सेवा के इतिहास और उसके जनक के बारे में है। हम इस विषय पर गहराई से चर्चा करेंगे और यह भी जानेंगे कि लॉर्ड कॉर्नवालिस को भारतीय सिविल सेवा का जनक क्यों माना जाता है।

भारतीय सिविल सेवा क्या है?

भारतीय सिविल सेवा (Indian Civil Service - ICS) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सेवा है। यह लोक सेवकों का एक समूह है जो देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य करते हैं। वे सरकार की नीतियों को लागू करने, कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता को सेवाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। भारतीय सिविल सेवा में भर्ती होने के लिए, उम्मीदवारों को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित परीक्षाओं को पास करना होता है।

लॉर्ड कॉर्नवालिस का योगदान

लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis), ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के एक गवर्नर-जनरल थे, जिन्होंने भारतीय सिविल सेवा की नींव रखी। उन्होंने 1786 से 1793 तक भारत में शासन किया। लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भारत में कुशल और ईमानदार प्रशासन स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जो भारतीय सिविल सेवा के विकास के लिए आवश्यक थे।

  • सिविल सेवा का गठन: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भारतीय सिविल सेवा का गठन किया, जो उस समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारियों से बनी थी। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों को नागरिक और सैन्य कार्यों में विभाजित किया।
  • भ्रष्टाचार का उन्मूलन: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने कंपनी के अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कड़े कदम उठाए। उन्होंने अधिकारियों के वेतन में वृद्धि की और उन्हें निजी व्यापार करने से रोका।
  • न्यायपालिका का सुधार: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने न्यायपालिका में सुधार किए, जिससे न्याय व्यवस्था अधिक कुशल और निष्पक्ष हो सके। उन्होंने जिला अदालतों की स्थापना की और भारतीयों को न्यायपालिका में शामिल किया।
  • कानून का शासन: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भारत में कानून के शासन की स्थापना की। उन्होंने सभी के लिए समान कानून बनाए और यह सुनिश्चित किया कि कानून का पालन किया जाए।

इन सभी कदमों ने भारतीय सिविल सेवा को एक मजबूत और कुशल प्रशासनिक सेवा बनाने में मदद की। लॉर्ड कॉर्नवालिस के प्रयासों के कारण, भारतीय सिविल सेवा भारत में एक महत्वपूर्ण संस्था बन गई, जिसने देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय सिविल सेवा का महत्व

भारतीय सिविल सेवा भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह देश को सुचारू रूप से चलाने और लोगों को सेवाएं प्रदान करने में मदद करता है।

  • प्रशासनिक दक्षता: भारतीय सिविल सेवा देश में कुशल प्रशासन सुनिश्चित करती है। सिविल सेवक सरकार की नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि जनता को समय पर सेवाएं मिलें।
  • विकास और प्रगति: भारतीय सिविल सेवा देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सिविल सेवक विभिन्न विकास परियोजनाओं को लागू करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि देश आर्थिक और सामाजिक रूप से आगे बढ़े।
  • कानून और व्यवस्था: भारतीय सिविल सेवा देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करती है। सिविल सेवक यह सुनिश्चित करते हैं कि कानून का पालन किया जाए और जनता सुरक्षित रहे।

भारतीय सिविल सेवा का विकास

भारतीय सिविल सेवा का विकास समय के साथ हुआ है।

  • ब्रिटिश शासन: ब्रिटिश शासन के दौरान, भारतीय सिविल सेवा का उपयोग भारत पर शासन करने के लिए किया जाता था। ब्रिटिश अधिकारियों ने भारत में प्रशासन और कानून व्यवस्था को संभाला।
  • स्वतंत्रता के बाद: स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सिविल सेवा का उपयोग भारत को एक आधुनिक राष्ट्र बनाने के लिए किया गया। भारतीय सिविल सेवा ने देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • वर्तमान में: आज, भारतीय सिविल सेवा भारत सरकार की सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक सेवा है। सिविल सेवक देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य करते हैं और जनता को सेवाएं प्रदान करते हैं।

परीक्षा और चयन प्रक्रिया

भारतीय सिविल सेवा में भर्ती होने के लिए, उम्मीदवारों को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination - CSE) पास करनी होती है। परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है:

  1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination): यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होती है, जिसमें सामान्य अध्ययन (General Studies) और सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) के प्रश्न पूछे जाते हैं।
  2. मुख्य परीक्षा (Mains Examination): यह परीक्षा वर्णनात्मक प्रकार की होती है, जिसमें सामान्य अध्ययन के पेपर, एक निबंध और वैकल्पिक विषय के पेपर शामिल होते हैं।
  3. साक्षात्कार (Interview): यह परीक्षा व्यक्तित्व परीक्षण होता है, जिसमें उम्मीदवारों की व्यक्तित्व, ज्ञान और कौशल का मूल्यांकन किया जाता है।

भारतीय सिविल सेवा के जनक: लॉर्ड कॉर्नवालिस के अलावा अन्य महत्वपूर्ण योगदानकर्ता

भारतीय सिविल सेवा के विकास में लॉर्ड कॉर्नवालिस के अलावा, कई अन्य लोगों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

  • लॉर्ड विलियम बेंटिंक: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने भारत में सामाजिक सुधारों की शुरुआत की, जिसने सिविल सेवा के कामकाज को प्रभावित किया।
  • लॉर्ड डलहौजी: लॉर्ड डलहौजी ने भारत में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान दिया, जिसने प्रशासन को मजबूत किया।
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल: सरदार वल्लभ भाई पटेल ने स्वतंत्रता के बाद भारतीय सिविल सेवा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सिविल सेवकों को एकजुट किया और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

Key Takeaways

  • भारतीय सिविल सेवा के जनक लॉर्ड कॉर्नवालिस थे।
  • लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भारतीय सिविल सेवा की नींव रखी और इसमें कई सुधार किए।
  • भारतीय सिविल सेवा भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सेवा है।
  • सिविल सेवा में भर्ती के लिए, उम्मीदवारों को यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं को पास करना होता है।
  • भारतीय सिविल सेवा देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।